Book Launch: डॉ. बीआर अंबेडकर और प्रधानमंत्री मोदी पर लिखी पुस्तक का शुक्रवार को होगा विमोचन

Book Launch: डॉ. बीआर अंबेडकर और प्रधानमंत्री मोदी पर लिखी पुस्तक का शुक्रवार को होगा विमोचन

अंबेडकर और मोदी पुस्तक में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के विचारों और कार्यों पर शोध किया गया है, जो देश की नीति निर्धारण में महत्वपूर्ण योगदान निभाया है। इसमें बताया गया है कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी और गतिशील नेतृत्व में डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर के दूरदर्शी विचारों को पूरा किया जा रहा है…

प्रधानमंत्री मोदी और डॉ. बीआर अंबेडकर के विचारों में कितनी समानता है, और कैसे पीएम मोदी ने उनके विचारों को साकार किया है, इस विषय पर एक पुस्तक ‘अंबेडकर एंड मोदी: रिफॉर्मर्स आइडियाज परफॉर्मर्स इम्प्लीमेंटेशन’ लिखी गई है, जिसका विमोचन शुक्रवार को किया जाएगा। इस पुस्तक को सामाजिक संगठन ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने लिखा है, जो भाजपा के प्रमुख थिंक टैंक्स में से एक है। वहीं इस पुस्तक की प्रस्तावना प्रसिद्ध गीतकार और संगीतकार राज्यसभा सांसद इलैयाराजा ने लिखी है।

ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन की तरफ से जारी विज्ञप्ति के अनुसार अंबेडकर और मोदी पुस्तक में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के विचारों और कार्यों पर शोध किया गया है, जो देश की नीति निर्धारण में महत्वपूर्ण योगदान निभाया है। इसमें बताया गया है कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी और गतिशील नेतृत्व में डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर के दूरदर्शी विचारों को पूरा किया जा रहा है। पुस्तक में 12 चैप्टर हैं, जो बुनियादी ढांचे, शिक्षा, सामाजिक-आर्थिक गतिशीलता, लैंगिक समानता, आत्मनिर्भरता जैसे विभिन्न विषयों में विभाजित हैं, जो न केवल डॉ अंबेडकर के भारत के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करते हैं, बल्कि पीएम की कई उपलब्धियों को बताते हैं।

पुस्तक में इस पर चर्चा की गई है कि आज भारत जैसा है, कभी उसकी परिकल्पना डॉ. अंबेडकर जैसे महान लोगों द्वारा की गई थी, जिन्हें पीएम मोदी और उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद ही हासिल किया गया। पिछले 8 वर्षों में- चाहे वह खुले में शौच मुक्त घोषित करना हो, औपचारिक बैंकिंग सेवाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में ले जाना हो, स्वास्थ्य बीमा के साथ बड़े चिकित्सा खर्चों से करोड़ों की बचत करना हो या महिला सशक्तिकरण के विचार से महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास में परिवर्तन करना हो, या फिर सबका साथ, सबका विकास का मूलमंत्र रहा हो, हर पहल का लक्ष्य अंतिम मील और अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना रहा है।

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