महिलाओं के लिए दिल्ली सबसे असुरक्षित:मुंबई दूसरे और बेंगलुरु तीसरे नंबर पर; राजधानी में एक साल में महिलाओं पर अपराध के मामले 40% बढ़े

दिल्ली देश में महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहर है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में साल 2020 में महिलाओं के खिलाफ 9,782 अपराध दर्ज किए गए थे, जो 2021 में 40% बढ़कर 13,892 हो गए। दिल्ली के बाद मुंबई 5,543 मामलों के साथ दूसरे नंबर और बेंगलुरु 3,127 मामलों के साथ तीसरे नंबर पर है।
मुंबई में 12.76% और बेंगलुरु में 7.2% में महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध दर्ज किए गए। देश के 19 बड़े शहरों में महिलाओं के खिलाफ हुए कुल अपराधों में से अकेले दिल्ली में 32% अपराध दर्ज किए गए।
2021 में दिल्ली में महिलाओं पर अपराध के मामले
दिल्ली में अन्य बड़े शहरों की तुलना में अपहरण के 3,948 मामले दर्ज किए गए।
पतियों द्वारा क्रूरता के 4,674 और नाबालिग से बलात्कार के 833 मामले दर्ज किए गए।
दिल्ली में हर दिन औसतन दो लड़कियों के साथ बलात्कार किया गया।
दहेज के लिए हत्या के 136 मामले दर्ज किए गए।
19 बड़े शहरों में महिलाओं के अपहरण के कुल 8,664 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि अकेले दिल्ली में 3,948 मामले दर्ज किए गए।
19 बड़े शहरों में महिलाओं के अपहरण के कुल 8,664 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि अकेले दिल्ली में 3,948 मामले दर्ज किए गए।
दिल्ली में हर दिन दो नाबालिग से रेप
आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 2021 में हर दिन दो नाबालिग लड़कियां दुष्कर्म का शिकार बनीं। पिछले साल 19 बड़े शहरों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के कुल 43,414 मामले दर्ज किए गए। इनमें से दिल्ली में 13,982 मामले दर्ज किए गए। वहीं, दहेज के लिए हत्या के 136 मामले दर्ज किए गए हैं, जो 19 महानगरों में होने वाली कुल मौतों का 36.26% है।
POCSO एक्ट के तहत 1,357 मामले दर्ज
दिल्ली में पिछले साल महिलाओं का शील भंग करने के इरादे से उन पर हमले के 2,022 मामले दर्ज किए गए। NCRB ने कहा कि 2021 में POCSO एक्ट के तहत 1,357 मामले दर्ज किए गए। आंकड़ों के अनुसार, 2021 में बच्चियों के बलात्कार के 833 मामले दर्ज किए गए।