Rajya Sabha: बिप्लब देब और गुलाम अली ने राज्यसभा सदस्य के रूप में ली शपथ, उपराष्ट्रपति धनखड़ रहे मौजूद

Rajya Sabha: बिप्लब देब और गुलाम अली ने राज्यसभा सदस्य के रूप में ली शपथ, उपराष्ट्रपति धनखड़ रहे मौजूद

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब और जम्मू-कश्मीर के गुर्जर मुस्लिम समुदाय के नेता गुलाम अली को राज्यसभा सदस्य की शपथ दिलाई।

त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब और जम्मू-कश्मीर के गुर्जर मुस्लिम समुदाय के नेता गुलाम अली ने बुधवार को राज्यसभा सदस्य की शपथ ली। उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने दोनों नेताओं को उच्च सदन के सदस्य के रूप में शपथ दिलाई है। जानकारी के अनुसार, हाल ही में बिप्लब कुमार देब त्रिपुरा से राज्यसभा के लिए हुए उपचुनाव में निर्वाचित हुए हैं जबकि गुलाम अली को उच्च सदन के लिए मनोनीत किया गया है।

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री रहे बिप्लब देब
9 मार्च 2018 को बिप्लब कुमार देब ने त्रिपुरा के दसवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। बिप्लब देब का जन्म त्रिपुरा के गोमती जिले के राजधर नगर गांव में 25 नवंबर 1969 को हुआ। ये 2018 में हुए त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भाजपा के जीत के सूत्रधार हैं। त्रिपुरा से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद उदयपुर कॉलेज से स्नातक की। परास्नातक की पढ़ाई दिल्ली से की और वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व स्वयंसेवक भी रह चुके हैं। उन्होंने भाजपा के पूर्व नेता के.एन गोविंदाचार्य के निजी सचिव के रूप में कार्य किया। भाजपा ने उन्हें 2015 में राज्य में महासंपर्क अभियान के प्रदेश संयोजक के तौर पर त्रिपुरा भेजा। फरवरी 2016 में उन्हें त्रिपुरा का भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बिप्लब कुमार देब ने बनमालीपुर विधानसभा क्षेत्र से माकपा के अमल चक्रवर्ती को हराया था।

जानिए गुलाम अली खटाना के बारे में
गुलाम अली खटाना ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। 2008 में इंजीनियरिंग करने के बाद से ही वह भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ गए थे। भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने पार्टी के कई अहम पदों पर जिम्मेदारी निभाई। वे भाजपा जम्मू कश्मीर के सचिव से लेकर वरिष्ठ उपाध्यक्ष तक रहे। 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने उन्हें जम्मू कश्मीर का स्टार प्रचारक बताया था। गुलाम अली मूल रूप से जम्मू कश्मीर के रामबन जिले से आते हैं। रामबन में 70 प्रतिशत आबादी मुस्लिमों की है और 30 प्रतिशत हिंदुओं की। अभी वह जम्मू के भठिंडी में रहते हैं।

भाजपा का बड़ा दाव
गुलाम अली खटाना गुर्जर मुसलमान हैं। इस जाति के ज्यादातर लोग जम्मू कश्मीर में भेड़ और बकरियां पालते हैं। गुर्जर की तरह ही बकरवाल मुसलमान भी होते हैं। इन दोनों ही जातियों में गुलाम अली खटाना की अच्छी पैठ है। 2011 की जनगणना के आधार पर गुर्जर और बकरवाल मुसलमान जम्मू कश्मीर की तीसरी सबसे बड़ी आबादी है। जम्मू कश्मीर में नए परिसीमन से कई सीटों का जातीय गणित पूरी तरह से बदल गया है। जम्मू और कश्मीर दोनों ही क्षेत्रों में पड़ने वाली करीब 20 विधानसभा सीटों पर गुर्जर और बकरवाल समुदाय के वोटर्स का खासा प्रभाव है। भाजपा इन्हें अपने पाले में करना चाहती है। गुलाम अली को राज्यसभा भेजकर भाजपा को इस समुदाय में पैठ बनने की उम्मीद है।

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