कर्नाटक: विधान परिषद में धर्मांतरण विरोधी विधेयक पास, मंत्री बोले- हमने किसी की स्वतंत्रता पर निशाना नहीं साधा

गृह मंत्री ने कहा कि यह विधेयक किसी की धार्मिक आजादी नहीं छीनता। कोई भी व्यक्ति अपने अनुसार धर्म चुन सकता है, लेकिन किसी दबाव अथवा प्रलोभन में नहीं।
कर्नाटक विधानसभा में पारित होने के बाद कर्नाटक सरकार ने कर्नाटक विधान परिषद में धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश किया। बिल यहां से भी पास हो गया। धर्मांतरण विरोधी विधेयक पर कर्नाटक के कानून मंत्री जेसी मधुस्वामी ने कहा कि हम अपने धर्म की रक्षा कर रहे हैं, जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए हम यह बिल लाए हैं। हमने किसी की स्वतंत्रता पर निशाना नहीं साधा है
बिल का विपक्षी दल कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) ने पुरजोर विरोध किया था। इससे पहले विधानसभा ने पिछले साल दिसंबर में ‘कर्नाटक प्रोटेक्शन ऑफ राइट टू फ्रीडम ऑफ रिलीजन बिल’ पारित किया था। विधान परिषद में उस वक्त बहुमत न होने की वजह से यह बिल अटक गया था। इस वजह से सरकार को विधेयक को प्रभाव में लाने के लिए मई में अध्यादेश लाना पड़ा था।
इस बीच गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने ऊपरी सदन में विधेयक पेश किया। उन्होंने कहा कि हाल के वक्त में बड़ी संख्या में धर्मांतरण हो रहा है। प्रलोभन दे कर सामूहिक धर्मांतरण कराया जा रहा है। बलपूर्वक और जबरदस्ती धर्मांतरण की खबरें भी आ रही हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि यह विधेयक किसी की धार्मिक आजादी नहीं छीनता। कोई भी व्यक्ति अपने अनुसार धर्म चुन सकता है, लेकिन किसी दबाव अथवा प्रलोभन में नहीं।
बताया जा रहा है कि विधान परिषद में विपक्ष के नेता बीके हरिप्रसाद ने बिल का विरोध किया। इस दौरान उन्होंने विधेयक की प्रति भी फाड़ दी। उन्होंने विधेयक को असंवैधानिक करार दिया। उन्होंने कहा कि यह धर्म के अधिकार को प्रभावित करेगा।