Kerala High Court: हाईकोर्ट ने कहा- महिला की भड़काऊ पोशाक गरिमा हनन करने का लाइसेंस नहीं

केरल हाईकोर्ट के जस्टिस कौसर एडप्पागथ ने यौन उत्पीड़न मामले में लेखक सिविक चंद्रन को दी गई अग्रिम जमानत के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान टिप्पणी की।
केरल हाईकोर्ट ने कहा कि किसी आरोपी को दोषमुक्त करने के लिए पीड़ित की पोशाक को कानूनी आधार के रूप में नहीं माना जा सकता। अगर महिला भड़काऊ पोशाक पहनती है तो किसी पुरुष को उसके गरिमा का हनन करने का लाइसेंस नहीं दिया जा सकता।
जस्टिस कौसर एडप्पागथ ने यौन उत्पीड़न मामले में लेखक सिविक चंद्रन को दी गई अग्रिम जमानत के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान टिप्पणी की। इस दौरान जज ने कोझीकोड सत्र अदालत की ‘यौन उत्तेजक पोशाक’ वाली टिप्पणी को जमानत आदेश से हटा दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि निचली अदालत ने लेखक चंद्रन को अग्रिम जमानत देने का जो कारण दिया, वह न्यायोचित नहीं हो सकता।
कानून का उल्लंघन करने पर चालकों को अस्पताल में देनी होंगी सेवाएं
केरल में यातायात कानूनों का उल्लंघन करने वाले ड्राइवरों को अस्पताल में सेवाएं देनी होंगी। राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को यह फैसला लिया। 5 अक्तूबर को पलक्कड़ जिले में एक निजी बस के चालक द्वारा तेज गति से वाहन चलाने के कारण हुई एक दुर्घटना में नौ लोगों की मौत के मद्देनजर यह निर्णय परिवहन मंत्री एंटनी राजू की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया है। इसमें एक निजी बस ने सरकारी केएसआरटीसी बस को टक्कर मार दी थी।
दिया जाएगा तीन दिन का अनिवार्य प्रशिक्षण
गंभीर सड़क दुर्घटनाओं में शामिल और नशे में गाड़ी चलाते पाए जाने वाले चालकों को अनिवार्य रूप से ट्रॉमा केयर सेंटरों और अन्य मेडिकल इकाइयों में कम से कम तीन दिनों की सेवा में लगाया जाएगा। कानून का उल्लंघन करने वालों का लाइसेंस निलंबित करने के अलावा उन्हें एडप्पल में इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइवर ट्रेनिंग एंड रिसर्च में तीन दिन के अनिवार्य प्रशिक्षण से भी गुजरना होगा।