Pakistan Flood: चीन ने पाकिस्तान को किया बर्बाद! बाकी काम मौसम ने…

पाकिस्तान में भयानक बाढ़ से करीब 1350 लोगों की मौत हो गई. 115 जिले में से 110 डूबे हुए हैं. इसकी वजह क्या है? वजह हैं चीन और जलवायु परिवर्तन. आप हैरान होंगे चीन तो पाकिस्तान का दोस्त है. नहीं… वह उसे खोखला कर रहा है. जानिए कैसे?
पाकिस्तान का दोस्त है चीन. कम से कम चीन के काम तो यही दिखाते हैं. लेकिन ये सच नहीं है. पाकिस्तान में आई भयानक बाढ़ की वजह चीन है. चीन के विकास कार्यों की वजह से पाकिस्तान में जलवायु परिवर्तन तेजी से हो रहा है. चीन कई सारे विकास कार्य कर रहा है. पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा, गिलगिट-बाल्टिस्तान, पंजाब, बलूचिस्तान, सिंध और पाक अधिकृत कश्मीर. इन प्रोजेक्ट को चीन और पाकिस्तान ने नाम दिया है चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर
बहती आ रही आफतः खैबर-पख्तूनख्वा और गिलगिट बाल्टिस्तान पहाड़ी इलाके हैं. यहां नदियां ज्यादा तबाही लाती हैं. (फोटोः AFP)
पाक अधिकृत कश्मीर (POK), गिलगिट-बाल्टिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा ये तीनों बहुत ऊंचाई पर है. अधिकतम ऊंचाई 8469 मीटर यानी 27,785 फीट है. चीन गिलगिट-बाल्टिस्तान और खैबर-पख्तूनख्वा में चार सड़कें बनवा रहा है. गिलगिट के खुंजरेब में रेलवे लाइन बिछा रहा है. कुल मिलाकर पांच रेलवे प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. इसके अलावा कई बांध बनवाएं हैं. जिनमें से कुछ पाक-अधिकृत कश्मीर, गिलगिट-बाल्टिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में मौजूद हैं.
बड़ा बर्तन, शायद ज्यादा मिल जाए…खानाः बलूचिस्तान के जाफराबाद जिले के डेरा अल्लाह यार कस्बे में बर्तन लेकर खाना लेता बाढ़ पीड़ित. (फोटोः AFP)
पाकिस्तान में कितना नुकसान, पहले जानिए उनके आंकड़े
पाकिस्तान डिजास्टर मैनेजमेंट ने बाढ़ की वजह से जो नुकसान के आंकड़ें बताए हैं. वो भयावह हैं. 1350 लोगों की मौत हो गई. 5 करोड़ लोग विस्थापित हुए हैं. 90 लाख मवेशियों की जान चली गई. 10 लाख घर बह गए. 40 से ज्यादा जलस्रोत यानी बाढ़, तालाब, नदियां उफन रही हैं. 220 से ज्यादा ब्रिज, पुल नदियों में टूटकर बह गए. 90 फीसदी फसल खराब हो गई. देश का एक तिहाई हिस्सा पानी में डूबा है. 10 बिलियन डॉलर्स यानी करीब 80 हजार करोड़ रुपये का नुकसान पाकिस्तान झेल चुका है. ऐसी आफत का जिम्मेदार कौन है?
चीन के पावर प्रोजेक्ट, पहाड़ों पर सड़कें और रेल लाइनें
ज्यादातर हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट और बिजली उत्पादन करने वाले यूनिट्स कोयले से चलते हैं. जिसकी वजह से हो रहे प्रदूषण से पहाड़ों पर वातावरण बिगड़ रहा है. तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है. इससे पहाड़ों पर नुकसान पहुंच रहा है. पाक अधिकृत कश्मीर (POK), गिलगिट-बाल्टिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा पूरे के पूरे पहाड़ी इलाके हैं. काराकोरम रेंज हैं यहां पर. इस रेंज समेत पूरे पाकिस्तान के ऊपरी इलाके में 7200 से ज्यादा ग्लेशियर्स हैं. चीन के कार्यों की वजह से बढ़ रहे तापमान से ग्लेशियर पिघल रहे हैं. ये मॉनसूनी बारिश में और ज्यादा खतरा बढ़ा रहे हैं.
ज्यादा मौतों के पीछे की वजह क्या है? चीन या जलवायु
पाकिस्तान में बाढ़ और फ्लैश फ्लड की वजह से करीब 1350 लोग मारे गए हैं. इंग्लैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग्स के क्लाइमेट रिस्क और रीसिलिएंस की एसोसिएट प्रोफेसेर डॉ. लिज स्टीफेन्स ने कहा कि पाकिस्तान की इस तरह की बाढ़ की आशंका सदी में एक बार होती है. यह एक्सट्रीम फ्लडिंग है. पाकिस्तान में मौतों की दो सबसे बड़ी वजहें ये हैं कि देश के ऊपरी इलाकों से आने वाली फ्लैश फ्लड और घटिया निर्माण वाले नदियों के किनारे. आपने देखा होगा कि जब तेज गति से पानी आता है तो नदियों के किनारे बने घर, सड़कें, रेल लाइन आदि सब टूट जाते हैं. पाकिस्तान में तो ज्यादातर चीजों का निर्माण चीन कर रहा है.
22 हजार बांध बनाकर चीन खुद को नहीं बचा पाया, तो…
प्रो. लिज ने कहा कि फ्लैश फ्लड का अंदाजा लगाना फिलहाल दुनिया के किसी भी वैज्ञानिक संस्था के बस का नहीं है. इनकी भविष्यवाणी बहुत मुश्किल है. इसलिए नदी किनारे मौजूद लोगों को बचा पाना मुश्किल है. चीन ने अपने देश में 22 हजार से ज्यादा बांध बनाए हैं लेकिन वहां भी हर साल भयानक बाढ़ आती है. फ्लैश फ्लड की घटनाएं होती हैं. चीन जब अपने देश में इन प्राकृतिक आपदाओं को नहीं रोक पा रहा है, तो वह पाकिस्तान में किस तरह से मदद कर पाएगा.
सड़कें-रेल लाइनों के लिए काटे जंगल तो मुसीबत तय है
प्रो. लिज स्टीफेन्स ने कहा कि पाकिस्तान के ऊपरी इलाकों में जंगलों की कमी है. सूखे-रूखे पहाड़ हैं. उस पर चीन के काम चल रहे हैं. नीचे के इलाकों में जहां कहीं भी जंगल और पेड़-पौधे हैं, उन जगहों पर विकास कार्य चल रहे हैं. तेजी से नीचे आते हुए पानी के बहाव को जंगल रोकते हैं. लेकिन अगर इन जगंलों को रेल लाइन, सड़क या किसी अन्य प्रोजेक्ट के लिए काट दिया जाए तो पानी सीधे निचले इलाकों में बहता हुआ आता है. यही स्थिति काबुल नदी के साथ हुआ है. जिसके बाढ़ में ऊपर से आती हुई सिंध नदी से सपोर्ट कर दिया.