दुष्कर्म मामला: शाहनवाज हुसैन के खिलाफ शिकायत करने वाली महिला को मिली मोहलत, SC ने और दस्तावेज लाने को कहा

दुष्कर्म मामला: शाहनवाज हुसैन के खिलाफ शिकायत करने वाली महिला को मिली मोहलत, SC ने और दस्तावेज लाने को कहा

इससे पहले उच्च न्यायालय ने 17 अगस्त को हुसैन की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें निचली अदालत के एक आदेश को चुनौती दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराने वाली एक महिला को कुछ भौतिक दस्तावेज लाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया। मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की पीठ ने शिकायतकर्ता महिला के वकील की दलीलों पर ध्यान दिया कि कथित अपराध से संबंधित कुछ भौतिक तथ्यों को भाजपा नेता के वकील ने छुपाया है और वह शीर्ष अदालत के रिकॉर्ड पर उसे लाना चाहते हैं।

महिला को एक सप्ताह की मिली मोहलत
पीठ ने महिला की ओर से पेश वकील संदीप कुमार सिंह से कहा, यदि आप कुछ फाइल करना चाहते हैं, तो कृपया उन्हें एक सप्ताह में फाइल करें। हम मामले को सुनवाई के लिए 12 अक्टूबर को सूचीबद्ध करेंगे। हुसैन की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा पेश हुए। इससे पहले शीर्ष अदालत ने 19 सितंबर को हुसैन की अपील पर सुनवाई स्थगित कर दी थी, जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ महिला की शिकायत पर उनके खिलाफ प्राथमिकी से संबंधित दुष्कर्म का आरोप लगाया गया था। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 22 अगस्त को हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी।

इससे पहले उच्च न्यायालय ने 17 अगस्त को हुसैन की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें निचली अदालत के एक आदेश को चुनौती दी गई थी। इसमें दिल्ली पुलिस को उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया था। शीर्ष अदालत ने हुसैन की याचिका पर दिल्ली पुलिस और शिकायतकर्ता महिला को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि रोहतगी की दलीलें सुनने के बाद प्रथम दृष्टया इस मामले पर विचार करने की जरूरत है।

2018 में दिल्ली की एक महिला ने कथित दुष्कर्म के लिए हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए निचली अदालत का दरवाजा खटखटाया था। हुसैन ने आरोपों से इनकार किया था। एक मजिस्ट्रेट अदालत ने 7 जुलाई 2018 को हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देते हुए कहा था कि शिकायत में एक संज्ञेय अपराध बनाया गया है। इसे भाजपा नेता ने सत्र अदालत में चुनौती दी थी जिसने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

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