NDA छोड़ा तो सोनिया गांधी को की पहली कॉल, दिल्ली आए तो राहुल से सबसे पहले मीटिंग, जानिए क्या है नीतीश का प्लान

नीतीश कुमार ने जब बीजेपी का साथ छोड़कर राजद का दामन थामा तो सबसे पहले सोनिया गांधी को फोन लगाया। ये बात दर्शा रही थी कि वो कांग्रेस को कितनी अहमियत दे रहे हैं। उसके बाद वो दिल्ली आए तो सबसे पहले राहुल गांधी से उनके घर जाकर मिले। जाहिर है किस इस बार भी वो बता रहे थे कि कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति में क्या हैसियत है।
दिल्ली में आकर नीतीश जद(एस) के एचड़ी कुमार से भी मुलाकात की। आगे उनरकी कुछ और नेताओं से मिलने की भी योजना है। लेकिन पहली ही मुलाकात में उन्होंने दिखा दिया कि कांग्रेस की उनके लिए क्या अहमियत है। शरद पवार कसे साथ उद्धव ठाकरे और खुद तेजस्वी यादव पहले ही कह चुके हैं कि कांग्रेस को साथ लिए बगैर कोई मोर्चा नहीं बनाया जा सकता। नीतीश कुमार की मौजूदा राजनीति को देखकर कयास लग रहे हैं कि वो विपक्षी दलों को एक करने की राह पर चल निकले हैं। हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला उन्हें खुलेआम न्यौता भी दे चुके हैं अपने पिता की पुण्य तिथि पर होने वाली रैली में आने का। माना जा रहा है कि नीतीश चौटाला की रैली में शिकरत करेंगे।
नीतीश कुमार के करीबी केसी त्यागी मानते हैं कि कांग्रेस के बगैर बीजेपी को हराने की कोशिश बुरा ख्वाब जैसी हो सकती है। कांग्रेस बीजेपी के खिलाफ एक मजबूत विकल्प है। छोटी पार्टियों को साथ लेने से ये ताकत इतनी बड़ी हो सकती है जिससे बीजेपी को हराया जा सके। उनका कहना है कि राष्ट्रीय राजनीति में पहली शर्त एक मजबूत मोर्चे की होगी। उसके बाद एक रणनीति के तहत बीजेपी को हराया जा सकता है।