वीरेंद्र वशिष्ठ ने चव्हाण पर साधा निशाना, हुड्डा के खिलाफ भी मोर्चा खोलने की तैयारी

बीते 30 अगस्त को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण के साथ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और आनंद शर्मा ने गुलाम नबी आजाद के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की थी। कांग्रेस के जी-23 समूह के इन नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के कुछ दिन बाद उनके आवास पर बैठक की थी।
देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं है। पार्टी आंतरिक कलह का सामना कर रही है। ये तब और भी ज्यादा साफ हो गया जब इंडियन ओवरसीज कांग्रेस सचिव वीरेंद्र वशिष्ठ ने राहुल गांधी के खिलाफ बोलने पर अपनी ही पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पार्टी की अनुशासन समिति के प्रमुख को इस बाबत ईमेल भी भेजा है।
पृथ्वीराज चव्हाण पर कार्रवाई की मांग
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस सचिव वीरेंद्र वशिष्ठ ने हालिया टेलीविजन डिबेट शो के दौरान राहुल गांधी के खिलाफ बोलने के लिए पार्टी नेता पृथ्वीराज चव्हाण और जी-23 के कुछ अन्य नेताओं की निंदा की है। वशिष्ठ ने पार्टी की अनुशासन समिति के प्रमुख तारिक अनवर को एक मेल भेजकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। अपने ईमेल में वशिष्ठ ने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी के आंतरिक चुनावों के संबंध में पिछले कुछ दिनों से टीवी चैनलों पर पृथ्वीराज चव्हाण के झूठे बयानों की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। मैं राहुल गांधी के खिलाफ भी झूठ बोलने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करता हूं।’
हाल ही में गुलाम नबी आजाद से की थी मुलाकात
उनका ये बयान तब सामने आया है जब बीते 30 अगस्त को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण के साथ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और आनंद शर्मा ने गुलाम नबी आजाद के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की थी। कांग्रेस के जी-23 समूह के इन नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के कुछ दिन बाद उनके आवास पर बैठक की।
हुड्डा के खिलाफ भी मोर्चा खोलने की तैयारी
वहीं, बैठक के बाद कांग्रेस के नेताओं का एक गुट हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ भी मोर्चा खोलने की तैयारी में हैं। भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ कार्रवाई के लिए कांग्रेस वर्किंग कमेटी की सदस्य कुमारी शैलजा ने भी ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में उनकी शिकायत की है। उन्होंने अपनी कार्रवाई में हुड्डा के खिलाफ कारण बताओ नेटिस जारी करने की मांग भी की है।
आजाद ने हाल ही में दिया था पार्टी से इस्तीफा
गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के जी -23 समूह का हिस्सा थे और पार्टी के अंदर सुधार की मांग कर रहे थे। उन्होंने हाल ही में राहुल गांधी की “अपरिपक्वता” का हवाला देते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।
पांच पन्नो का लिखा था पत्र
कांग्रेस अध्यक्ष को भेजे पांच पृष्ठ के त्यागपत्र में आजाद ने कहा था कि वह भारी मन से यह कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा से पहले ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ निकाली जानी चाहिए थी।आजाद ने कहा कि पार्टी में किसी भी स्तर पर चुनाव संपन्न नहीं हुए। गुलाम नबी ने यह भी कहा कि कांग्रेस लड़ने की अपनी इच्छाशक्ति और क्षमता खो चुकी है।
आजाद ने सोनिया को लिखे पत्र में कहा था कि एआईसीसी के चुने हुए पदाधिकारियों को एआईसीसी का संचालन करने वाले छोटे समूह द्वारा तैयार की गई सूचियों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया। पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर धोखे के लिए नेतृत्व पूरी तरह से जिम्मेदार है। उन्होंने लिखा कि कांग्रेस में हालात अब ऐसी स्थिति पर पहुंच गए है, जहां से वापस नहीं आया जा सकता। पार्टी की कमजोरियों पर ध्यान दिलाने के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं को अपशब्द कहे गए, उन्हें अपमानित किया गया, नीचा दिखाया गया।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे गए गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के पत्र में लिखा था, “बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है।”
गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला था, उन्होंने पत्र में लिखा था कि राहुल गांधी के अध्यक्ष (2013) बनने के बाद पुरानी कांग्रेस को खत्म कर दिया गया, जिसके कारण धीरे-धीरे पार्टी के जमीनी नेता दूर हो गए। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी को सलाह दी थी कि इस समय कांग्रेस को भारत जोड़ो यात्रा से ज्यादा कांग्रेस जोड़ो यात्रा की आवश्यकता है।