‘जिंदगी में ऐसा काम करो कि जब यमराज लेने आएं…’ इस एक पंक्ति में जीने का अर्थ समझा गए थे राजू

‘जिंदगी में ऐसा काम करो कि जब यमराज लेने आएं…’ इस एक पंक्ति में जीने का अर्थ समझा गए थे राजू

राजू श्रीवास्तव अब नहीं हैं…यकीन नहीं होता लेकिन वो अब हमारे बीच से जा चुके है. पर पीछे छोड़ गए हैं हंसी का ऐसा समंदर जिसमें गहराई में जितना उतरें चेहरे उतने ही गुलजार होते जाते हैं. पिछले 40 दिन से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे थे. कई बार हिम्मत दिखाई और जीने की चाह भी लेकिन जो होना था वो होकर ही रहा. सभी के चेहरों पर हंसी बिखेरने वाले राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastava) ने सिर्फ खिलखिलाकर हंसना ही नहीं सिखाया बल्कि जाने से पहले वो जीवन का सार भी समझा गए जिसको अपना लिया तो जिंदगी तर जाती है.

जब राजू ने समझाया था जीने का सलीका

कॉमेडियन राजू सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते थे. अक्सर अपनी वीडियो शेयर कर फैंस से दिल की बात करते. कभी हंसने वाली तो कभी समझाने वाली. ऐसी ही एक वीडियो में राजू श्रीवास्तव से हंसते-हंसाते जीने का सलीका भी लोगों को समझाया था. उन्होंने बताया था जीवन में इंसान को कैसा बनना चाहिए. उनके मुताबिक- ‘इंसान को ऐसा काम करना चाहिए कि यमराज भी जब लेने आएं तो बोले कि आप भले इंसान थे भैंसे पर तो आपको बैठना चाहिए, आप पैदल नहीं चल सकते.’ ये वीडियो देख उस वक्त लोग खूब हंसे थे. लेकिन जिंदगी भर खुद राजू ने इसी फलसफे को अपनाया. तभी तो आज उनके जाने से आज हर आंखे नम है और हर दिल दर्द से भरा है.

10 अगस्त को आया था हार्ट अटैक

राजू श्रीवास्तव इसी साल 10 अगस्त को एम्स में भर्ती कराए गए थे. 10 अगस्त की सुबह वर्क आउट करने के दौरान उन्हें कार्डिएक अरेस्ट आया और वो ट्रेडमिल पर ही बेहोश होकर गिर पड़े. जिसके बाद एम्स में लगभग 40 दिनों तक वो एडिमट रहे जहां उनका इलाज किया गया. शुरुआती 15 दिन काफी टेंशन से भर लेकिन जब राजू ने रिस्पॉन्ड किया तो उनके ठीक होने की उम्मीद बंध गई थी लेकिन तब से अब तक वो वेंटिलेटर पर ही थे. आखिरकार 21 सितंबर को वो दुनिया को अलविदा कह गए.

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